क्यों सारे ग्रह और उपग्रह गोल होते हैं? पृथ्वी गोल है सूर्य और चंद्रमा भी गोल है यहां तक ग्रह उपग्रह और तारे भी गोल हैं क्या आप जानते हैं की सभी ग्रह गल क्यों होते हैं विज्ञान के सिद्धांत के अनुसार ब्रह्मांड के प्रत्येक वस्तु न्यूनतम ऊर्जा स्थिति में रहना चाहती हैन्यूनतम ऊर्जा स्थिति में ही वस्तुओं में अधिकतम स्थिरता आती है अतः अधिकतम स्थिरता के लिए वस्तु की उर्जा न्यूनतम होनी ही चाहिए सभी ग्रहोकी बनावट एक जैसी है जिस की सतह का क्षेत्रफल सबसे कम होता है इसलिए गोलाकार वस्तुओं की सतह की उर्जा न्यूनतम होती हैइसी न्यूनतम ऊर्जा का या अधिकतम स्थिरता को प्राप्त करने के लिए वस्तुएं गेंद जैसा आकार धारण करने का प्रयत्न करती हैं यही कारण है कि सूरज चांद तारे धरती और दूसरे सभी कब खगोलीय पिंडों की बनावट गोल होती हैं वर्षा में गिरने वाली पानी की बूंदे भी गोल होती हैंइसका कारण भी यही है कि गोलाकार बूंद की सतह की ऊर्जा निम्न होती है और उसकी स्थिरता अधिकतम होती है पानी की बूंद किसी भी प्रकार से उत्पन्न की जाए तुरंत ही गोलाकार रूप में बदलने का प्रयास करती हैंस्रोत -405 बार देखा गया3 अपवोट देखें1 शेयर देखा गयाबालमुकुंद अग्रवाल की प्रोफाइल फ़ोटो ने इसे अपवोट किया है31अमेरिका ने गैलीलियो नामक अन्तरिक्ष यान किस ग्रह की खोज के लिए भेजा था?गैलीलियो एक अमेरिकी रोबोटिक अंतरिक्ष यान था जिसने बृहस्पति ग्रह और उसके चंद्रमाओं के साथ-साथ एस्टेरॉयड गैसप्रा और इडा का अध्ययन किया। इसका नाम खगोलशास्त्री गैलीलियो गैलीली के नाम पर रखा गया है।पढ़ना ज़ारी रखें2By वनिता कासनियां पंजाबधूमकेतु गहन अंतरिक्ष से सूर्य के पास आता है फिर वापस गहन अंतरिक्ष में चला जाता है, क्या आप बता सकते हैं कि धूमकेतु की दूसरी धुरी कौन सी है?सबसे पहले जवाब दिया गया: धूमकेतु गहन अंतरिक्ष से सूर्य के पास आता है फिर वापस गहन अंतरिक्ष में चला जाता है, क्या आप बता सकते है कि धूमकेतु की दूसरी धुरी कोनसी है?धूमकेतु सोलर सिस्टम का हिस्सा होने के कारण इनकी धुरी axis सूर्य ही होता है।पर इनका परिक्रमा पथ अंडाकार eliptical नहीं होता बल्कि◆ पैराबोलिक parabolic और◆हाइपर बोलिक hyperbolic होता है ।जैसे ग्रहों के elliptical अण्डाकार पथ में दो केंद्र होते हैं पर इनमें से किसी एक केंद्र पर सूर्य ही सदैव होता है वैसे ही धूमकेतुओं के उक्त प्रकार के सूर्य परिक्रमा मार्गों के किसी एक केंद्र या धुरी पर सूर्य ही होता है।यदि हम शंकु cone को विभिन्न तरीके से काटें तो ऐसी आकृतियां बनेंगी देखिए◆बहुत से धूमकेतु वरुण ग्रह से परे स्थिति कुइपर बेल्ट से जन्म लेते हैं प्लूटो प्रकार के वामन ग्रह भी इधर से ही निकलते हैं।ऐसे धपढ़ना ज़ारी रखें8145By वनिता कासनियां पंजाबजुपिटर ग्रह के कितने चाँद हैं?विशाल ग्रह के कुल चन्द्रमाओं की संख्या बढ़कर अब 79 हो गई है जो सौर मंडल के किसी भी ग्रह की तुलना में सबसे अधिक है। खगोलशास्त्रियों ने कहा ये एक बड़ी जानकारी है। इस श्रृंखला में बृहस्पति के बाद शनि का स्थान है, जिसके पास 61 चांद है। वृहस्पति ग्रह के बारे में जानकारी अमेरिका कार्नेगी विज्ञान संस्थान की ओर से दी गई है।चित्र गुगलबृहस्पति के पास चांद की संख्या 79जिसने इस बारे में एक प्रेस विज्ञप्ति जारी की है, जिसमें लिखा है कि संस्थान के खगोल शास्त्री प्लूटो से आगे के बड़े ग्रह की तलाश कर रहे थे तब उनके सामने ये बात आई की बृहस्पति के पास चांद की संख्या 79 है। संस्थान ने कहा कि आकाश में बृहस्पति हमपढ़ना ज़ारी रखें41By वनिता कासनियां पंजाब,हेली धूमकेतु तारे का आवर्तकाल कितना होता है?हैली धूमकेतु (आधिकारिक तौर पर नामित 1P/Halley) को एक लघु-अवधि धूमकेतु के रूप में बेहतर जाना जाता है। यह प्रत्येक ७५ से ७६ वर्ष के अंतराल में पृथ्वी से नजर आता है। हैली ही एक मात्र लघु-अवधि धूमकेतु है जिसे पृथ्वी से नग्न आँखों से साफ़-साफ़ देखा जा सकता है और यह नग्न आँखों से देखे जाने वाला एक मात्र धूमकेतु है जो मानव जीवन में दो बार दिखाई देता है। नग्न आँखों से दिखाई देने वाले अन्य धूमकेतु चमकदार और अधिक दर्शनीय हो सकते है लेकिन वह हजारों वर्षों में केवल एक बार दिखाई देते है।हैली के भीतरी सौरमंडल में लौटने पर इसका खगोलविज्ञानियों द्वारा २४० इ.पू. के बाद से अवलोकन और रिकार्ड दर्ज किया जाता रहा हआरती तिवारी की प्रोफाइल फ़ोटोरी कहाल ही में TESS उपग्रह ने जीवन की संभावना वाले बाह्य गृह की खोज है, TESS उपग्रह को किस अन्तरिक्ष एजेंसी ने लांच किया था?TESS (Transiting Exoplanet Survey Satellite) उपग्रह को अमेरिकी अंतिरक्ष एजेंसी नासा ने लांच किया था। हाल ही में इस उपग्रह ने ‘TOI 700 d’ नामक नए गृह की खोज की है, यह गृह पृथ्वी के आकर का है। यह गृह पृथ्वी से 101.5 प्रकाश वर्ष दूर है।धूमकेतु की उत्पत्ति क्या है? By वनिता कासनियां पंजाबधूमकेतु (Comet) अंतरिक्ष में विचरने वाले बर्फ से बनें पिंड हैं, जो अपने पीछे गैस और बर्फ के कण छोड़ते हैं। धूमकेतु अपने अंदर धूल, बर्फ, कार्बन डाइऑक्साइड, मीथेन, अमोनिया और ऐसे ही बहुत से पर्दाथ और गैस रखते हैं।सौर मंडल के अन्य छोटे पिंडो के विपरित धूमकेतुओ को प्राचिन काल से जाना जाता रहा है। चीनी सभ्यता मे हेली के धूमकेतु को 240 ईसापूर्व देखे जाने के प्रमाण है। इंग्लैड मे नारमन आक्रमण के समय 1066मे भी हेली का धूमकेतु देखा गया था।1995 तक 878 धुमकेतुओ को सारणीबद्ध किया जा चूका था और उनकी कक्षाओ की गणना हो चूकी थी। इनमे से 184 धूमकेतुओ का परिक्रमा काल 200 वर्षो से कम है; शेष धूमकेतुओ के परिक्रमापढ़ना ज़ारी रखें11धूमकेतु कैसे बनतेप्राचीन इतिहास : पौराणिक मान्यता के अनुसार धूमकेतु का आगमन अपशकुन लाने वाला माना जाता था | कुछ लोगों ने इसे गिरते तारे की संज्ञा दी थी | अरस्तू ने अपनी प्रथम पुस्तक मिट्रियोलोजी में धूमकेतु की चर्चा की थी | पहले के कई बुद्धिजीवियों ने इसे सौरमंडल के ग्रहों के रूप में मान्यता दी थी | परन्तु अरस्तू ने इस धारणा को नकार दिया क्योंकि ग्रह आकाश में एक निश्चित नक्षत्र में दिखाई देते है जबकि धूमकेतु आसमान में कहीं भी देखे जा सकते है | अरस्तू के अनुसार धूमकेतुओं का जन्म पृथ्वी के बाहरी वातावरण में हुआ था | धूमकेतुओं की तरह उल्का, एरोरा, बोरोलियास और आकाशगंगा के लिए भी अरस्तू की यही मान्यता थी | अरस्तूपढ़ना ज़ारी रखेंधूमकेतु अगर चन्द्रमा से टकरा जाए तो चंद्रमा पर क्या प्रभाव पड़ेगा ?2प्लूटो को एक ग्रह के रूप में क्यों स्वीकार नहीं किया जाता है? By वनिता कासनियां पंजाबस्रोत - NASAअंतरराष्ट्रीय खगोलीय यूनियन ने ग्रह की परिभाषा के लिए तीन शर्तें रखी हैं -सूर्य के चारों ओर उसकी कक्षा होउसमे पर्याप्त गुरुत्वाकर्षण बल हो जिससे वह गोल स्वरूप ग्रहण कर सकें।3. उसके आस पास का क्षेत्र साफ हो, यानि उसके चारों और उसीके समान आकार और भार के अन्य खगोलीय पिंडों(Celestial bodies) की भीड़ भाड़ नही होनी चाहिए।
पृथ्वी गोल है सूर्य और चंद्रमा भी गोल है यहां तक ग्रह उपग्रह और तारे भी गोल हैं क्या आप जानते हैं की सभी ग्रह गल क्यों होते हैं विज्ञान के सिद्धांत के अनुसार ब्रह्मांड के प्रत्येक वस्तु न्यूनतम ऊर्जा स्थिति में रहना चाहती है
न्यूनतम ऊर्जा स्थिति में ही वस्तुओं में अधिकतम स्थिरता आती है अतः अधिकतम स्थिरता के लिए वस्तु की उर्जा न्यूनतम होनी ही चाहिए सभी ग्रहोकी बनावट एक जैसी है जिस की सतह का क्षेत्रफल सबसे कम होता है इसलिए गोलाकार वस्तुओं की सतह की उर्जा न्यूनतम होती है
इसी न्यूनतम ऊर्जा का या अधिकतम स्थिरता को प्राप्त करने के लिए वस्तुएं गेंद जैसा आकार धारण करने का प्रयत्न करती हैं यही कारण है कि सूरज चांद तारे धरती और दूसरे सभी कब खगोलीय पिंडों की बनावट गोल होती हैं वर्षा में गिरने वाली पानी की बूंदे भी गोल होती हैं
इसका कारण भी यही है कि गोलाकार बूंद की सतह की ऊर्जा निम्न होती है और उसकी स्थिरता अधिकतम होती है पानी की बूंद किसी भी प्रकार से उत्पन्न की जाए तुरंत ही गोलाकार रूप में बदलने का प्रयास करती हैं
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TESS (Transiting Exoplanet Survey Satellite) उपग्रह को अमेरिकी अंतिरक्ष एजेंसी नासा ने लांच किया था। हाल ही में इस उपग्रह ने ‘TOI 700 d’ नामक नए गृह की खोज की है, यह गृह पृथ्वी के आकर का है। यह गृह पृथ्वी से 101.5 प्रकाश वर्ष दूर है।
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